वैसे तो मुझे बचपन से ही समाचार पत्र पढ़ने में बेहद रूचि रही है। इसी क्रम में एक दिन मैंने एक इंटरव्यू पढ़ा। यह इंटरव्यू था उस समय के विख्यात बल्लेबाज श्री सुनिल मनोहर गावस्कर का । अपने इस इंटरव्यू में गावस्कर ने जो भविष्यवाणी की थी वह कुछ यूं थी '' लोग ये सोचते हैं कि जब मैं क्रिकेट से संन्यास ले लूंगा तो भारतीय टीम का क्या हाल होगा......... ऐसा कुछ नहीं होने वाला। और जो होने वाला है वह किसी चमत्कार से कम नहीं होगा। जी हां .... आने वाले समय में भारतीय टीम को एक ऐसा खिलाड़ी मिलेगा जो गावस्कर को भुला देगा । जी हां .... उसका नाम है ' सचिन '
इस इंटरव्यू में गावस्कर द्वारा की गयी इस भविष्यवाणी को मैं भुला नहीं पाया और जब भी भारतीय टीम का चयन होता तो में उस सचिन को तलाशता था। यूं ही एक दिन जब सचिन का सलैक्शन हुआ टीम के लिए तो मुझे गावस्कर की बात याद हो आयी और सच में जो गावस्कर ने काफी समय पहले कहा था वो सब सरासर सच साबित हुआ और अब यह सच सारी दुनिया के सामने है तथा सारी दुनिया इस महान बल्लेबाज को प्रणाम कर रही है। इस महान बल्लेबाज को मेरा भी प्रणाम और इसके बल्ले को शत शत प्रणाम। हमारे देश के लिए पूजनीय है, दुलारा है सचिन.... मैं अपने को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मैं उस समय को जी रहा हूं जब सचिन मेरे सामने शतक लगा रहा है।
थोड़े में बहुत कहा |
जवाब देंहटाएंसुन्दर ...
सचिन और लता, दो-दो जीवित किंवदंतियों के साक्षी बने हैं हम… यह निश्चित ही पिछले जन्म के संचित पुण्यों का फ़ल है…
जवाब देंहटाएं