घर के अंदर बाहर की दुनिया
अजी साहब, थोडा साइड में खडे होकर खिंचवाते तो स्टेशन भी बता देते।लेकिन आपको, अविनाश साहब को और ललित जी को नहीं पहचान पायेंगे।
तीनों ही पहचाने से लगते हैं. :)
अतिथि देवो भवः को सच्चाई में प्रस्तुत करती पोस्ट /
मुस्कुराने को नहीं कहेंगे क्या?
सबको पहचाने लिये :)
टिप्पणी की खट खटसच्चाई की है आहटडर कर मत दूर हट
अजी साहब, थोडा साइड में खडे होकर खिंचवाते तो स्टेशन भी बता देते।
जवाब देंहटाएंलेकिन आपको, अविनाश साहब को और ललित जी को नहीं पहचान पायेंगे।
तीनों ही पहचाने से लगते हैं. :)
जवाब देंहटाएंअतिथि देवो भवः को सच्चाई में प्रस्तुत करती पोस्ट /
जवाब देंहटाएंमुस्कुराने को नहीं कहेंगे क्या?
जवाब देंहटाएंसबको पहचाने लिये :)
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