पाठकों यह कविता कुछ कविता चोरों ने चुरा ली है जिनको पता चले तो बताना।
हम बीमार थे
यार-दोस्त श्रद्धांजलि
को तैयार थे
रोज़ अस्पताल आते
हमें जीवित पा
निराश लौटे जाते
एक दिन हमने
खुद ही विचारा
और अपने चौथे
नेत्र से निहारा
देखा
चित्रगुप्त का लेखा
जीवन आउट ऑफ डेट हो गया है
शायद यमराज लेट हो गया है
या फिर
उसकी नज़र फिसल गई
और हमारी मौत
की तारीख निकल गई
यार-दोस्त हमारे न मरने पर
रो रहे हैं
इसके क्या-क्या कारण हो रहे हैं
किसी ने कहा
यमराज का भैंसा
बीमार हो गया होगा
या यम
ट्रेन में सवार हो गया होगा
और ट्रेन हो गई होगी लेट
आप करते रहिए
अपने मरने का वेट
हो सकता है
एसीपी में खड़ी हो
या किसी दूसरी पे चढ़ी हो
और मौत बोनस पा गई हो
आपसे पहले
औरों की आ गई हो
जब कोई
रास्ता नहीं दिखा
तो हमने
यम के पीए को लिखा
सब यार-दोस्त
हमें कंधा देने को रुके हैं
कुछ तो हमारे मरने की
छुट्टी भी कर चुके हैं
और हम अभी तक नहीं मरे हैं
सारे
इस बात से डरे हैं
कि भेद खुला तो क्या करेंगे
हम नहीं मरे
तो क्या खुद मरेंगे
वरना बॉस को
क्या कहेंगे
इतना लिखने पर भी
कोई जवाब नहीं आया
तो हमने फ़ोन घुमाया
जब मिला फ़ोन
तो यम बोला. . .कौन?
हमने कहा मृत्युशैय्या पर पड़े हैं
मौत की
लाइन में खड़े हैं
प्राणों के प्यासे, जल्दी आ
हमें जीवन से
छुटकारा दिला
क्या हमारी मौत
लाइन में नहीं है
या यमदूतों की कमी है
नहीं
कमी तो नहीं है
जितने भरती किए
सब भारत की तक़दीर में हैं
कुछ असम में हैं
तो कुछ कश्मीर में हैं
अधिकांश भारत की राजधानी में
ब्लू लाईन सरपट दौड़ा रहे हैं
जो सामने आ रहा है
उसी को निपटा रहे हैं
किसी के घर नहीं
जा पा रहे हैं
इसीलिए आपके घर
नहीं आ रहे हैं
जान लेना तो ईज़ी है
पर क्या करूँ
हरेक बिज़ी है
तुम्हें फ़ोन करने की ज़रूरत नहीं है
अभी तो हमें भी
मरने की फ़ुरसत नहीं है
मैं खुद शर्मिंदा हूँ
मेरी भी
मौत की तारीख
निकल चुकी है
मैं भी अभी ज़िंदा हूँ।
--
पवन चंदन द्वारा चौखट के लिए 10/23/2007 03:50:00 AM को पोस्ट किया गया
हा हा!! गजब!
जवाब देंहटाएंक्यों वहम हो गया है, क्या ये चुराने वाली चीज़ है? ज़िन्दगी तो किसी को चुराते देखा है पर मौत कौन चुरायेगा? यमराज के पास तो पहले ही हाऊस फुल्ल है। शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंदो बार तो मैंने ही बतलाया है आपको। फिर भी आप अपने नाम से प्रकाशित कर रहे हैं। क्या माल बरामद हो गया है ?
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ......हंसाते हंसाते एकदम से सोचने को विवश कर दिया... |
जवाब देंहटाएंब्रह्माण्ड
क्या बात है .... हा हा हा
जवाब देंहटाएंbhut khoob...
जवाब देंहटाएंसही है यमराज लोगों के घर पहुंचे कैसे दिल्ली में कोमनवेल्थ की वजह से जाम ही जाम है इसलिए इन भ्रष्ट नेताओं की भी मौत की डेट निकल चुकी है जिससे ये आम लोगों का खून चूस रहें हैं ....देश के खजाने को लूट रहें हैं ...
जवाब देंहटाएंगज़ब की सोच है और एक बेहतरीन व्यंग्यात्मक शै्ली मे आज के सच के रुख से नकाब उठा दिया है।
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात है ..आज तो आपने धोबी पाट वाली पटक धुलाई की है
जवाब देंहटाएंखूब ही खूब :-)
जवाब देंहटाएंवाह! बेहतरीन.....
जवाब देंहटाएंbahut sunder .
जवाब देंहटाएंयमराज की मौत, यह विरोधाभास ही तो कविता का प्राण है।
जवाब देंहटाएंआज के चर्चामंच पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से अवगत कराइयेगा।
जवाब देंहटाएंhttp://charchamanch.blogspot.com
गजब का लेख.... यमराज को शायद अभी वक्त नहीं मिलेगा अभी तो बाढ़ में भी समय लगेगा ..... बढ़िया रचना
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