घर के अंदर बाहर की दुनिया
कुछ यूं ही है सबका अभी हाल ,बहुत बढ़िया ,नमस्कार
प्रणाम
बढ़िया यही सबका रोना है । जनहित में काटिए ।
रोना नहीं, हँसना होना चाहिए।
इसी तरह यह कठिन समय गुजर भी जाएगा !
हाँ...हर रात के बाद दिन आता ही है।
बहुत मजेदार.
अभिव्यक्ति का लॉकडाउन संभव नहीं!
टिप्पणी की खट खटसच्चाई की है आहटडर कर मत दूर हट
कुछ यूं ही है सबका अभी हाल ,बहुत बढ़िया ,नमस्कार
जवाब देंहटाएंप्रणाम
हटाएंबढ़िया यही सबका रोना है । जनहित में काटिए ।
जवाब देंहटाएंरोना नहीं, हँसना होना चाहिए।
हटाएंइसी तरह यह कठिन समय गुजर भी जाएगा !
जवाब देंहटाएंहाँ...हर रात के बाद दिन आता ही है।
जवाब देंहटाएंबहुत मजेदार.
जवाब देंहटाएंअभिव्यक्ति का लॉकडाउन संभव नहीं!
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