बुधवार, 15 अप्रैल 2020

लाॅकडाउन 2

मोदी जी....सुनो:-

धीरे धीरे ही सही बीते इक्किस वार
सोम गया मंगल गया कब बीता बुधवार
कब बीता बुधवार हो गया अजब अचंभा
लगता है इतवार हो गया ज्यादा लंबा
दाढ़ी भी लंबी हुई बढ़ गये सर के बाल
बिना छुरी के कर रही पत्नी हमें हलाल

(सिर्फ हास्य के निमित्त)

8 टिप्‍पणियां:

  1. कुछ यूं ही है सबका अभी हाल ,बहुत बढ़िया ,नमस्कार

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  2. बढ़िया यही सबका रोना है । जनहित में काटिए ।

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  3. हाँ...हर रात के बाद दिन आता ही है।

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  4. अभिव्यक्ति का लॉकडाउन संभव नहीं!

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टिप्‍पणी की खट खट
सच्‍चाई की है आहट
डर कर मत दूर हट