घर के अंदर बाहर की दुनिया
लक्ष्मण रेखा खिंच गयी सब लोगों के द्वार इक्किस दिन घर में रहो अपने मन को मार अपने मन को मार मिला है सुंदर मौका बीवी मारे मौज करो तुम चूल्हा चौका हम तो हैं तैयार सहेंगे सभी झमेले ये कोरोना वायरस कोई जान न ले ले
वाह वाहक्या बात है
आभार
गलत लिखा , कहाँ हम लोग मौज करते है । हाँ सारे दिन सामने तो रहते हैं।
सर , घर पर पढ़ लिया न तो हम घर के रहेंगे न घाट के । चौचक है । जारी रहिए
टिप्पणी की खट खटसच्चाई की है आहटडर कर मत दूर हट
वाह वाह
जवाब देंहटाएंक्या बात है
आभार
हटाएंगलत लिखा , कहाँ हम लोग मौज करते है । हाँ सारे दिन सामने तो रहते हैं।
जवाब देंहटाएंसर , घर पर पढ़ लिया न तो हम घर के रहेंगे न घाट के ।
जवाब देंहटाएंचौचक है । जारी रहिए