गुरुवार, 18 मार्च 2010

ये आजकल माला के नोट गिन रहे हैं.... देखो कौन हैं ये दोनों


7 टिप्‍पणियां:

  1. एक तो अविनाश वाचस्पति जी है और ....... जी लग रहे है भैय्या ये दोनों राजधानी में बैठकर खूब नोट बीन कर गिन रहे है क्या आजकल नोटों की माला खोलने का और गिनने का काम कर रहे हैं ...

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  2. एक पहले अविनाश जी हैं और दूसरे दूसरे अविनाश जी.. ;)

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  3. थक गये हों तो हम आयें क्या मदद करने??

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  4. सिर्फ गिन ही रहे हैं कि कुछ हाथ भी लगे :-)

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  5. कहां कहां कैमरे लगा रखे हैं
    नोटों की खुशबू चंदन की तरह
    पवन में घुल मिलकर सबको
    लुभा रही है, बहका रही है
    पर राजनीति तो लहरा रही है।

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टिप्‍पणी की खट खट
सच्‍चाई की है आहट
डर कर मत दूर हट