गुरुवार, 26 अगस्त 2010

ब्‍लॉगविद्या के बाबा रामदेव

डीएलए दिनांक 27 अगस्‍त 2010 के अंक में संपादकीय पेज 11 पर व्‍यंग्‍यकार डॉ. राकेश शरद।
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14 टिप्‍पणियां:

  1. लिजिए पवन चंदन जी एक टिप्पणी
    हम भी पढकर धन्य हो गए रामदेव बाबा को।
    जय हो हमारे(ब्लॉग)वाले रामदेव बाबा की।

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  2. हाँ जी इसमें क्या शक है?
    --
    जय हो अविनाशी ब्लॉगाचार्य रामदेव बाबा की!
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  3. ब्लोगिंग बाबा की जय हो .... !!!

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  4. पवन जी की ब्लॉगियापन छूटा नहीं अब तक चाहे जितना भी व्यस्त रहें,और अविनाश वाचस्पति तो व्यंग्य के माहिर यानि बाबा हैं ही !

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  5. किसी गुणी व्यक्ति की तुलना किसी और व्यक्ति से करना कितना सही है ?

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  6. स्तरीय व्यंग्य उपयुक्त पात्र पर। यह आदमी(!) इसी लायक है।

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  7. नए-नए सम्मान बटोरे जाते हैं
    ब्लॉग जगत के ज्ञान बटोरे जाते हैं
    अप यहाँ ब्लागर बाबा बन बैठे हैं
    चेहरों की मुस्कान बटोरे जाते हैं.

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  8. मैं तो कुछ भी कहने में असमर्थ हूँ..आप बड़ों की बातें मैं क्या जानू..बच्चों की ही तरह कहूँगा कि..ये बात पूर्णतः सही है कि श्री अविनाश जी हैं तो ब्लॉग्गिंग के गुरु ही....! 'बाबा ब्लोग्नाथ' कहें तो भी अतिश्योक्ति नहीं होगी. अगर कोई किसी को कहता है कि भाई...तम्बाको ना खाओ, केंसर होता है....नहीं सुनता पर, यही बात बाबा रामदेव कहते हैं तो तुरंत एक्शन लेता है..वैसा ही प्रभाव ब्लोग्गंग में श्री अविनाश जी का है...! पवन चन्दन जी का शुक्रिया जो हमे पढवाया 'बाबा ब्लोग्नाथ' जी का ये ख़ास व्यंगाज़...! पर आप ऐसा कोई नहीं !!

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  9. ड़ा महेश सिन्हा से सहमत।
    गुणों पर व्यंग्य और तुलना,सार्थकता खो देना है।

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  10. जय हो ब्लॉगाचार्य रामदेव बाबा की !!

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  11. अरे चुप क्यो हो गये इन अविनाशी बाबा रामदेव का पता बता देते…………बस फिर घर मे होते फ़ाके और बीवी करती ब्लोगिंग्।

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टिप्‍पणी की खट खट
सच्‍चाई की है आहट
डर कर मत दूर हट