गुरुवार, 16 सितंबर 2010

आओ मिलें नेहरू स्‍टेडियम से



4 टिप्‍पणियां:

  1. raat ke andhere me... kyon bhai ham kaise hayenge... hame to din me bhi nahin dikhta...

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  2. लगता है आप स्कोप कांप्लेक्स में कार्यरत हैं :)

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  3. काजल जी सिर्फ काम करना ही नहीं
    रहना भी वहीं है, मतलब स्‍कोप रहने का
    वहीं पास है
    इसलिए कैमरा जब चाहता है
    तब जग जाता है
    और चित्र खींच लाता है
    इसके लिए नहीं जरूरत है
    उस आई डी की भी
    जो चार हजार का बनाया गया है
    सुन रहे हैं
    खेलों में घपला और
    घपले में खेल हो रहे हैं
    बारिश जिनकी रोज
    खोल रही है पोल
    बोल नौकरशाही बोल
    तेरा क्‍या कहना ? है

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टिप्‍पणी की खट खट
सच्‍चाई की है आहट
डर कर मत दूर हट