मैंने पूछा जूते से
तुम क्यों चले
बोला मैं नहीं चला तो
दुनिया कैसे चलेगी
जूता रूका, तो दुनिया रूकेगी
वरना नंगे पांव चलेगी
और ये बात सबको खलेगी
अब जूता चला वो भी खल रहा है।
मैं चलूं तो परेशानी
न चलूं तो परेशानी
दुनिया को चलाने के लिए ही चला हूं।
जब दुनिया मुझे रौंदती है
मेरे अंदर बिजली सी कौंधती है
मेरी आबरू का नाश करती है दुनिया
लगातार करती आ रही है
मेरे ही बल पर आगे बढ़ती जा रही है
और जूते खा रही है
जबरदस्त लगे रहो |
जवाब देंहटाएंभावनाएं उभर कर आ गई हैं |
WAH JEE WAH, EK BAAR FIR SE MAR DIYA. NARAYAN NARAYAN
जवाब देंहटाएंजूता जूता न रहा
जवाब देंहटाएंजुट गया नाम कमाने
चल दिये देखो जांच बैठाने
प्रश्न जिनके जवाब चाहिये
न हों जवाब तो पूछ सकते हैं
आप भी कुछ सवाल
इन सवालों में सलाहें भी हैं
इन्हें अन्यथा न लें
यह तो सबका जन्मसिद्ध अधिकार है -
1. जूता पत्रकार के पैर का था
2. यदि नहीं, तो किसका था
3. जिसका जूता था, वो सौभाग्यशाली रहा या ...
4. जूता किस कंपनी का था
5. जूता कब खरीदा गया
6. जूते का जोड़ीदार कहां है
7. बिना बिल के खरीदा गया
8. बिल कहां है
9. बिल किस दुकान का था
10. जूते ने अपनी बिरादरी का नाम इतिहास में अमर कर दिया
11. जूते ने प्रेरक का काम किया
12. मुहावरों की दुनिया में नये मुहावरे और लोकोक्तियां रची जायेंगी जूताशाली, जूताजुगाड़ वगैरह
13. नये फिल्मी गाने और पैरोडियां लिखी जायेंगी - बुश को जूता क्यों मारा ...
, जूता है जूता .....,
14. किस्मत कनैक्शन किसका - बुश का या जूते का ...
15. एक आखिरी - किसी ने यह क्यों नहीं कहा कि बुश को बूट क्यों मारा - बूट को जूता ही क्यों कहा गया जबकि बुश की तुक बूट से मिलती है।
Jute ki mahima aprampar.
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