टीम ब्लॉगवाणी को निवेदन
देश में नई नई उम्मीदों की किरण
चारों तरफ कर रहीं हैं विचरण
चांद कितना दयावान है
कर रहा है हमारे लिए जल संरक्षण
फिर आप ने ये क्या कर डाला
निकाल दिया लेखकों का दिवाला
हे ब्लॉगों के माई बाप
चंद सिरफिरों के विचारों को नजरअंदाज
क्यों नहीं कर पाये आप
जागिये जागिये और जागिये
हिन्दी की सेवा से दूर मत भागिये
ये हमारी भाषा है
वाणी बंद होने से हमें निराशा है
तो कृपया अपनी महान ब्लॉगवाणी को
फिर से जगाइये और ये सेवा का दीप फिर से जलाइये
आपकी महानता को हम प्रणाम करेंगे
सच कह रहे हैं पवन जी आप
जवाब देंहटाएंब्लॉगिंग की जोत ही है वाणी
सही उपमा दी है आपने मन
को भाई है, हिन्दी सेवा हित
ही तो आपने जोत जलाई है।
बिल्कुल
जवाब देंहटाएंब्लागों के माईबाप
अब ज्यादा नखरे मत खाईये
जल्दी वापिस आ जाईये
हम भी यही दुया करते हैं कि बलागवाणी जलदी से शुरू हो जाये आभार्
जवाब देंहटाएंakshma kijiye sab dushto ko, blogvaani ko fir se le aayiye...dekhiye kitne bade bade log khoon ke aansoo ro rahe hain
जवाब देंहटाएंआमीन्।
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएं₪
मैथिली जी, यह पुकार सुनी जाये
हमारी आशाओं पर तुषारापात न होने पाये ।
लो अब हमारे रुठे रुठे ब्लोगवाणी टीम भैया वापस आ गये। आभार।
जवाब देंहटाएंबापस आ जाओ...ये दूरी सही नहीं जा रही है। ये सामूहिक पुकार है। चंद लोगो के आरोप से इतना आहत हो सकते हैं तो बहुमत की पुकार आपको वापस क्यों नहीं ला सकती। ब्लाग की दुनिया में इतना सूनापन कभी ना था..सुन रहे हैं ना..
जवाब देंहटाएंगीताश्री
pawan ji hum pehli bar hi ish blog me aaye hai,lekin yaha aakar sabhi bloger ki tipaniya padhi usko dekh kar pata chla aap blogs suru kar ke bhag gaye the. kiya baat hai? blog bana kar accha nhi laga tha ya blog padhne wale?
जवाब देंहटाएंha ha ha
maf kijiyega thoda hansi thitoli kar raha tha.
ab aap aa jaiye to baat bane