बुधवार, 30 सितंबर 2009

घुमाओ खुपडि़या

आगे आगे आऊंगा जब जो भी ऋतु आयेगी
अगर ऋचा में ढूंढ़ सको तो वेदों में मिल जायेगी
ऋषि ऋणी मुझसे हुए और हुए ऋतुराज
ऐसा क्या है मामला खोलो इसका राज

5 टिप्‍पणियां:

  1. आज तो मार्निंग में ही
    तश्‍तरिया उड़ा दी उड़न भाई।

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  2. पहेलियाँ थोडी मुश्किल पूछे तो जरा हम भी खोपडी घुमाएं:)

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  3. उडनतशतरी जी तो पहले ही बता चुके हैं....ओहो जवाब नहीं...ये कि पहेली के मामले में..उनका एक ही इंसान के साथ टाई अप है....वो हम हैं...जवाब वे देंगे....और ईनाम हमें दिया जायेगा.......

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टिप्‍पणी की खट खट
सच्‍चाई की है आहट
डर कर मत दूर हट