केला-व-नींबू की नोकझोक
केला उवाच
रूप सलोना है तू गेंद सा खिलौना है
फिर भी तुझे आदमी के हाथों कत्ल होना है
बीच से वो काटता है जीभ से भी चाटता है
इतना निचोड़ता है बूँद नहीं छोड़ता है
आदमी क्रूर है रहम नहीं खाता है
दर्दनाक अंत तेरा मुझे नहीं भाता है
नींबू उवाच
अपनी नहीं सोचता है कैसा तू जनाब है
मुझ से तो गत ज्यादा तेरी ही ख़राब है
ख़राब सी ख़राब है कहा नहीं जाता है
पूछो मत प्यारेलाल देखा नहीं जाता है
मेरी मौत शान से और तेरी अपमान से
द्रोपदी सा हाल होता तेरा इन्सान से
सब्जियां उलझ रही हैं नेताओं की तरह
जवाब देंहटाएंफल निष्फल हो रहे खट्टे नींबू की तरह
समझ नहीं पा रहे कुछ बजर बट्टू की तरह
चला रहे हैं नेता देश को टट्टू की तरह
बहुत खूब...मज़ा आ गया जी फुल्ल...फुल्ल...नींबू और केले की चाट का...
जवाब देंहटाएंथोडा सा चाट मसाला भी छिडक देते तो सोने पे सुहागा
बार-बार आना पडेगा आपके यहाँ...चटोरे जो ठहरे...खाने के भी और अच्छे लेखन के भी