दीप चंद सावन .. [गीत गुनगुनाते हुए] दिल ढूंढता है फिर वही फुरकत के रात दिन
मैंने कहा आता नहीं तो क्यों गाते हो,
फुरसत को फुरकत क्यों कहते हो
लेकिन वह मान नहीं रहा था
बहस को बढ़ता देख हमने किसी तीसरे से फैसला कराने का मन बनाया
खास बात ये कि हम दोनों को उर्दू का ज्ञान किसी को नहीं था
एक राहगीर से
आप गाने सुनने के शौकीन हैं
उसने हां में सर हिलाते हुए कहा बोलो क्या बात है
क्या आपने वह गाना सुना है--. दिल ढूंढता है फिर वही--.इससे आगे बताओ क्या आता है
बोला-. दिल ढूंढता है फिर वही उलफत के रात दिन
हम दोनों उसका मुंह ताकते रह गये।
मुंह ताकना नहीं है इतना आसां
जवाब देंहटाएंइतना तो समझ लीजे
एक पानी का दरिया है
और उड कर जाना है
क्या आपने वह
जवाब देंहटाएं'ठंडे ठंडे पानी से.....
गाना आए या ना आए गाना चाहिये'
नहीं सुना ?
घुघूती बासूती
सही कहा आपने...हर कोई अपने हिसाब से ही गीतों के शब्द तय कर लेता है जो उसे सुलभ लगें।
जवाब देंहटाएंमेरी बेटी जब दो साल की थी तब 'हम आपके हैँ कौन' फिल्म के गाने की इस लाईन'हरे दुपट्टे वालियो' को....'पत्थर के धक्के मारियो' गाती थी