सोमवार, 31 मार्च 2008

बेतुके सरकारी आदेश

ये बात हमारे गले नही उतर रही
कि जो कलैण्‍डर जनवरी में प्रकाशित किये गये थे उन सभी को रद्द कर दिया जायेगा और कल से नये कलैण्‍डर प्रयोग में लाए जाएंगे । कारण जो दिया गया है वह भी समझ से परे है कि इस साल मार्च का महीना 32 दिन का होना था । गलती से 31 दिन का छाप दिया गया है । इसके पीछे वैज्ञानिक कारण दिया जा रहा है ब्‍‍लोगल वार्मिंग । ऐसा मान लिया गया है कि वैज्ञानिक इस ब्‍लोगल वार्मिंग से निजात पाने के लिए जी जान से जुट गये हैं। पृथ्‍वी की गति कुछ धीमी हो गयी है जिस कारण ऐसा किया गया है । मीडिया भी इस बात को बेवजह तूल दे रहा है कि जो काम सरकार को दिसम्‍बर में करना था उसे अब मार्च में करने की क्‍या तुक है । आप भी अपने विचार दे सकते हैं।

1 टिप्पणी:

  1. जब सरकार ही बेतुकी है
    तो इसके आदेश भी बेतुके ही होंगे
    आदेशों को गले से उतारना तो मजबूरी है
    वरना गले उतारे जा सकते हैं
    सरकार जो करे सो थोड़ा है
    भारी भरकम लोहे का हथौड़ा है.

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टिप्‍पणी की खट खट
सच्‍चाई की है आहट
डर कर मत दूर हट