सोमवार, 31 दिसंबर 2007

ऐसा हो नए साल में

पानी खूब आए
इतना भर जाए
पानी की टंकी
मीठे गाने गाए

पार्किंग को लेकर के
लड़ें न अब से लड़ाई
सर्दी में भी मेरे मित्रों
न ओढ़ें अबसे रजाई

4 टिप्‍पणियां:

  1. नए साल में ऐइसा ही हो जाए तो पानी, पारकिंग, लड़ाई और रजाई की समस्या ही सुलझ जाए।

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  2. सही है बंधु पानी से पार्किंग तक का सफर। पर पानी और पार्किंग से आज माफिया भी जुड़ा हुआ है। उनसे सावधान रहें, उनके बारे में कुछ अवश्य कहें।

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  3. नववर्ष की शुभकामनाएँ ।
    घुघूती बासूती

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  4. पानी की उम्मीद करनी है तो बन्धुवर बिहार या आसाम में घर बसाना होगा....

    पार्किंग की बात तो उसे तो अपनी टाटा अंकल ने दूर कर ही दिया है अपनी 'नैनो' के जरिए ....बित्ते भर की गाडी कहीं भी फिट कर दीजिएगा...

    सर्दी का क्या है वो तो आनी जानी है...आती भी रहेगी और जाती भी रहेगी....

    मिंक ब्लैंकेट बढिया रहेगा हल्का का हल्का...गर्म का गर्म

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टिप्‍पणी की खट खट
सच्‍चाई की है आहट
डर कर मत दूर हट