एक दिन नई दिल्ली स्टेशन के प्लेटफार्म दो पर पलवल शटल में बैठा मैं गाड़ी चलने का इंतजार कर रहा था। प्लेटफार्म एक पर भी एक गाड़ी चलने के लिए तैयार खड़ी थी। तभी अचानक एक जोरदार धमाके के साथ एक बंदर दोनों गाडि़यों के बीच वाली लाइन पर आकर गिरा। ध्यान से देखा तो पता चला कि ये बंदर महाशय पच्चीस हजार वोल्ट के सप्लाई वाले खंबे पर चढ़ गये और झुलस कर आ गिरे हैं।
देखते ही देखते बंदरों का हुजूम इकठ्ठा हो गया। छोटे बंदर कांप भी रहे थे। तभी अचानक प्लेटफार्म एक वाली गाड़ी चली गयी। उसके बाद का नजारा तो देखने लायक था। जो बंदर उस घायल बंदर को नहीं देख पा रहे थे और बेहद गुस्से में थे। सच में उन दर्शक बंदरों का गुस्सा देखते ही बनता था। प्लेटफार्म एक के शेड के ऊपर बैठे बंदर वहां लगे एनाउंसमैंट स्पीकर की आवाज भी नहीं सहन कर पा रहे थे, उनका साथी जो घायल पड़ा था। नतीजा ये हुआ एक बुजुर्ग सा बंदर आया और उसने स्पीकर की तार का खींचना शुरू किया और तब तक खींचता रहा जब तक स्पीकर की तार टूट नहीं गयी। स्पीकर शांत हुआ तो बंदर का थोड़ा गुस्सा शांत हुआ। इसी बीच रेलवे लाइन पर पड़े उस घायल बंदर तो बंदरों के हुजूम ने घेर लिया था और किसी भी आदमी को पास नहीं फटकने दे रहे थे। तभी अचानक मेरी गाड़ी भी चल पड़ी और मैं आगे क्या हुआ होगा, नहीं देख पाया।
जाते जाते एक विचार बार बार मन में घुमड़ रहा था ... काश इंसान इस बड़े शहर में इन बंदरों से कुछ सीख ले। मुझे एक शेर याद आता है शायद ये महान शायर बशीर बद्र का है, हो सकता है गलत भी हो, भूल सुधार कर लेना।
लगता है शहर में नये आये हो
रूक गये जो हादसा देखकर
मेरा तो यही विचार है कि शहरी संस्कृति में अपनत्व कहीं खो गया है।
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बंदरों का यही व्यवहार तो उन्हें मानवों से बेहतर बनाये हुए है.
जवाब देंहटाएंवैसे, ये जो जावा स्क्रिप्ट आपने लगा रखी है शाब्द टपकने वाली, वो पढ़ने में बहुत व्यवधान उत्पन्न करती है. हो सके तो उसे हटा लें.
bahut badhiya kaha aapne.......sabke liye ek shiksha agar koi samjhe to.
जवाब देंहटाएंअपनत्व कहीं खो नहीं गया
जवाब देंहटाएंवानरों में ट्रांसफर हो गया है
कह सकते हैं कि अपनत्व
अब इंसानों में सो गया है
इसलिए इंसान रो गया है।
इंसान आज तभी तो,इतने गिर गये है,
जवाब देंहटाएंभीतर तक संकीर्णताओं से घिर गये है.
हम पहले ही अच्छे थे,जब बंदर थे,
कम से कम मानवीय भावनाओं के,
चौघट के तो अंदर थे.
यही तो अंतर है - नर सब कुछ बर्दाश्त कर जाता है, वानर नहीं करता।
जवाब देंहटाएंलोगों को सन्देश देती एक अच्छी रचना .
जवाब देंहटाएंकिसने रोका है हमको एक होने से .
हम इस घटना से कुछ सीख सकते हैं