बुधवार, 30 सितंबर 2009

चांद की चिंता

चांद ने कहा सूरज से तुम
मुझे सुरक्षा दो
या सुखा दो
वरना ये मेरा अंग अंग तोड़ देंगे
और सारा पानी निचोड़ लेंगे
ये अपने कदम अंतरिक्ष में बढ़ाना चाहते हैं
पृथ्‍वी के साथ साथ मुझे भी सड़ाना चाहते हैं
जो अब तक मुझे दूर से साला
‘अपने बच्चों का मामा‘ कहते थे
और पत्नी के चेहरे से करते थे तुलना
हे सूरज, मुझे इनसे नहीं मिलना जुलना
धरा ने इन्हें सब कुछ दिया है
इनका घर भर दिया है
लेकिन इनकी लिप्सा पूरी नहीं होती
ये प्लाट काटना चाहते हैं
धरती को तो बांट दिया है
मुझे भी बांटना चाहते हैं
अभी से सौदे बाजी होने लगी है
कई देशों में बाजी लगी है
कौन मार ले जाए बाजी पता नहीं
इससे पहले तू कुछ कर तो सही

7 टिप्‍पणियां:

  1. खूब रही चंद्रमा की सूरज से शिकायत ...!!

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  2. चंद्रमा की सूरज से शिकायत जायज लगी.

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  3. सही कहा चाँद ने ऐसा ही आने वाला है

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  4. chaand ki masoom shikayat bahut hi badhiya lagi aur sach bhi kah raha hai bechara..........uska bhi wo hi hashra hoga jo dharti ka ho raha hai agar samay par nhi cheta to.

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  5. चांद को कहिए पवन स्‍वरूपा चंदन
    सूचना के अधिकार के तहत
    पानी निकालने और
    प्‍लाट काटने वालों
    की जानकारी मांगे
    न मिलने पर
    अपना एक हिंदी ब्‍लॉग बना ले
    और उसे ब्‍लॉगवाणी पर सजा ले
    फिर पोस्‍टें लगाये
    टिप्‍पणियों का मजा ले
    चांद को पसंद खूब मिलेंगी।

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टिप्‍पणी की खट खट
सच्‍चाई की है आहट
डर कर मत दूर हट