मैंने लक्ष्मी जी से प्रार्थना की है कि वे मेरे घर के साथ साथ उन घरों में भी जाएं जिन घरों में अभावों की भरमार है। अंत में ये भी कहा है कि वे आपके घर भी आएं.....
चंदन जी, वंदन जी, अभावों की चाहे भरमार हो, पर भाव मन के साकार हों, जिनमें बसा प्यार का भाव बेशुमार हो। आपको फोन मिला रहा हूं पर आप नहीं उठा रहे हैं, या तो सो गए हैं अथवा सपनों में खो गए हैं।
दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंज्योति पर्व के अवसर पर आप सभी को लोकसंघर्ष परिवार की तरफ हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंचंदन जी, वंदन जी, अभावों की चाहे भरमार हो, पर भाव मन के साकार हों, जिनमें बसा प्यार का भाव बेशुमार हो। आपको फोन मिला रहा हूं पर आप नहीं उठा रहे हैं, या तो सो गए हैं अथवा सपनों में खो गए हैं।
जवाब देंहटाएंसुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
जवाब देंहटाएंदीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल 'समीर'
साधुवाद इस नेक और अनेक खयाल के लिये.
जवाब देंहटाएंमेरे घर के बाद आप के घर भी जरुर जाएँ !....यही हमारी दीपोत्सव की शुभकामना है !!
जवाब देंहटाएंइस पोस्ट का सार है कि लक्ष्मी जी हिन्दी ब्लॉगरों के इर्द-गिर्द ही घूमती रहें। हिन्दी ब्लॉगर चंदन जी की इस अभिलाषा के लिए उनका वंदन है।
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