मंगलवार, 16 अक्टूबर 2007

कादम्बिनी

कादम्बिनी के ब्लाग संबंधी आलेख से पाकर प्रेरणा और मित्र अविनाश वाचस्पति के सहयोग से आरंभ इस ब्लाग पर मैं वो सब कुछ परोसने का प्रयास करूंगा जो अंदर बाहर घटित होता है। चौखट मन के बाहर भी होती है। चौखटे से उपजी चौखट के चारों ओर का नजारा नजर आएगा। दिखलाने की कोशिश करूंगा।

3 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत अच्छा सोचा है. स्वागत है हिन्दी चिट्ठाजगत में. नियमित लिखना शुरु करें. बहुत शुभकामनायें.

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  2. चलिये तो आपने ब्लॉग बना ही लिया. अब बराबर लिखते भी रहिये.हमारे ब्लॉग पर आते भी रहिये. :-)

    लिखते रहें धन्यवाद.

    http://kakesh.com

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  3. क्या बात है!, एक और रेल वाला :)

    बहुत बहुत स्वागत है. लिखते रहें.

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टिप्‍पणी की खट खट
सच्‍चाई की है आहट
डर कर मत दूर हट