घर के अंदर बाहर की दुनिया
पवन जी, क्या भा गया रचना में शब्दों में बयां नहीं कर सकता. लेकिन कल्पना की उड़ान बादलों को छू रही है, ये तो तय है. मीत
टिप्पणी की खट खटसच्चाई की है आहटडर कर मत दूर हट
पवन जी,
जवाब देंहटाएंक्या भा गया रचना में शब्दों में बयां नहीं कर सकता. लेकिन कल्पना की उड़ान बादलों को छू रही है, ये तो तय है.
मीत