घर के अंदर बाहर की दुनिया
बेहतरीन सामयिक दोहे...और लाईये इस श्रेणी में...कम से कम ११ दोहे की माला तो होना ही चाहिये जपने के लिये. :)
अच्छे विचार.
तीखे एवं करारे व्यंग्यो में आपका कोई सानी नहीं
लेकिन सिर्फ एक दोहे से कुछ नहीं होगा...अभी तो दाढ भी गीली नहीं हुई गुरुवर...
टिप्पणी की खट खटसच्चाई की है आहटडर कर मत दूर हट
बेहतरीन सामयिक दोहे...और लाईये इस श्रेणी में...कम से कम ११ दोहे की माला तो होना ही चाहिये जपने के लिये. :)
जवाब देंहटाएंअच्छे विचार.
जवाब देंहटाएंतीखे एवं करारे व्यंग्यो में आपका कोई सानी नहीं
जवाब देंहटाएंलेकिन सिर्फ एक दोहे से कुछ नहीं होगा...
जवाब देंहटाएंअभी तो दाढ भी गीली नहीं हुई गुरुवर...